Hyperhidrosis के उपचार के तरीके

यहाँ पर किसी भी हर्बल और मरहम के तरीकों का नहीं, बल्कि hyperhidrosis के उपचार के सिद्ध और प्रभावी तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। अगर आप अत्यधिक पसीने के किसी भी रूप से पीड़ित हैं, तो आपको यह जानकार ख़ुशी होगी कि इस समस्या को बहुत ही प्रभावी तरीके से रोक जा सकता है और इसका उपचार किया जा सकता है। अत्यधिक पसीने के उपचार की इस चिकित्सा प्रक्रिया को गैर इनवेसिव (नॉन सर्जरी) और इनवेसिव (सर्जरी सहित) तरीको में बांटा गया है।

Hyperhidrosis के उपचार के मुख्य नॉन-इनवेसिव तरीको में योणोगिनेसिस और बोटुलिनम विष के तरीके शामिल हैं एवं उपचार के इनवेसिव तरीकों में वक्ष sympathectomy और बगल के पसीने की ग्रंथियों को हटाना शामिल हैं। आइये और अधिक विस्तार से इन उपचारों पर चर्चा करें।

योणोगिनेसिस

यह विधि 1980 के दशक में अमेरिका में हुई खोज की एक विधि से संबंधित है। यह एक ऐसे प्रयोग पर आधारित है जिसमे एक उपयुक्त आवृत्ति की बहुत ही काम मात्र की विद्युत ऊर्जा को नहाने के टब में छोड़ा जाता है जहाँ पसीने से प्रभावित अंग ज्यादा डूबे रहते हैं। इस विधि ने सस्ते होने के कारण लोकप्रियता हासिल की। योणोगिनेसिस की विधि में विशेष उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है, जिससे लगभग 100% संतुष्ट रोगियों का परिणाम हासिल किया जा सके। नवीनतम योणोगिनेसिस उपकरणों को रिचार्जेबल बैटरी से संचालित किया जा सकता है, जिससे चिकित्सा लागत शून्य के करीब पड़ती है।

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लाभ: बहुत उच्च दक्षता, बहुत तेजी से प्रभाव, hyperhidrosis के उपचार की कम लागत, व्यापक उपयोगकर्ता आधार, सुरक्षित।
नुकसान: कोई नहीं

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Botulinum Toxin के उपयोग

बोटुलिनम टॉक्सिन एक न्यूरोटॉक्सिन है जो पसीने की ग्रंथियों की जड़ों का अंत कर उनकी गतिविधि को दबा देता है। यह पदार्थ प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है और निर्विवादित लाभकारी है; जिसका असर तेजी से दिखता है। बहरहाल, यह अत्यधिक पसीने के बोटुलिनम टॉक्सिन उपचार के लाभों की सूची का अंत है। हालाँकि, एक प्रभावित अंग (हथेलियों, पैरों या कांख) के इलाज के लिए ही इसकी कीमत बहुत अधिक है और इस प्रक्रिया को लगभग हर 3 महीने में दोहराना पड़ता है। इसके अलावा, बोटुलिनम टॉक्सिन हर मरीज के लिए काम नहीं करता है, और अप्रिय दुष्प्रभावों का भी जोखिम है।
लाभ: क्षमता, तेजी से असर
नुकसान: hyperhidrosis के उपचार की काफी अधिक लागत, प्रक्रिया का हर कुछ महीने पर दोहराना, बोटुलिनम टॉक्सिन के प्रभाव के साथ जुड़े दुष्प्रभावों की संभावनाएं।

Thoracic Sympathectomy

यह एक प्रभावी लेकिन हथेलियों और बगल की hyperhidrosis के सर्जिकल उपचार के लिए सबसे खतरनाक तरीका है, और यह आमतौर पर जननांग के कार्य को नुक्सान पहुँचने के डर से शरीर के निचले भागों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। कुछ रीढ़ की नसें, जो आवेगों का प्रसारण करती हैं, और पसीने का कारण बनती हैं, उन्हें इस प्रक्रिया में सर्जन द्वारा रोगी को हलकी बेहोशी की हालत में बगल में छोटे छेद करके निकला जाता है। नसों के काम में इस तरह रुकावट पैदा करने से फिर रोगी को पसीना नहीं बनता है। हालांकि, अगर इस पद्धति के दुष्प्रभाव जब होते हैं, तो बहुत बुरे होते हैं। इनमे असामान्य धड़कन, हाथों का कांपना, ग्लानि और गंभीर प्रतिपूरक पसीना जो कि शरीर के अन्य भागों जैसे पीठ, पेट और सिर पर दिखाई देता है। Thoracic sympathectomy की नयी विधि में नसों को विशेष क्लिप के माध्यम से रोक जाता है, जिससे कोई भी दिक्कत आने पर इसे हटाया जा सके। हालांकि, यह तरीका भी अपने आप में जोखिम भरा है।
लाभ: hyperhidrosis के स्थायी समाधान
नुकसान: हल्की बेहोशी की हालत में एक बहुत ही मुश्किल ऑपरेशन से गुजरना और बहुत ही बुरे दुष्प्रभाव

बगल से पसीने की ग्रंथियों को हटाना

Hyperhidrosis के उपचार की इस पद्धति को सिर्फ बगल के अत्यधिक और बहुत भारी पसीने की सूरत में प्रयोग किया जाता है। डॉक्टर के साथ परामर्श के बाद, रोगी अस्पताल में आता है, जहाँ पसीने की ग्रंथियों से युक्त बगल की त्वचा को शल्य चिकित्सा द्वारा सामान्य बेहोशी की हालत में हटाया जाता है। उसके बाद जब तक बगल में घाव ठीक नहीं हो जाता, अस्पताल में मरीज का ध्यान रखा जाता है। अगर सही ढंग से किया जाए, तो इस विधि का प्रभाव स्थायी रहता है।
लाभ: कांख में hyperhidrosis का स्थायी समाधान
नुकसान: केवल बगल के लिए इस्तेमाल किया जा सकना, एक सर्जरी से गुजरना, हर किसी के लिए संभव न होना।